Girlfriend Ki Chudai
Girlfriend Ki Chudai

कुछ 3 साल पहले हम दोनों मिले.. उसका नाम सिखाया है… पहली नजर का प्यार जिसे बोलते हैं वही हुआ हम दोनों के साथ… हम मिले थे एक मॉल में, एक दूसरे की नजरें मिली और प्यार हो गया… सुनने में फिल्मी लगता है लेकिन ऐसा ही हुआ था… वो हमारी पहली मुलाकात थी… उसके 2 दिन बाद हम फिर से मील एक पब में Ex-Girlfriend Ke Saath Sex Ki Kahani

जब मैंने उसको पब में देखा सोचा चलो बात करते हैं और मैं उसके पास गया बात करने.. वो कुछ दोस्तों के साथ आई थी… हम एक दूसरे से मिलवाए फिर उसने मुझे उनके साथ जुड़ने की पेशकश की और मैं मान गया… कुछ सामान्य सी बात हुई और में कुछ 1 घंटे के बाद उनको बाय बोलके जाने लगा… अचानक पिचे से एक मीठी सी आवाज आई सोहेल कृपया इंतजार करें… पीछे मुड़के देखा तो सिखाया था… वो मेरे पास आई और बोली क्या हम दोबारा मिल सकते हैं?? मैंने कहा ठीक है.. तो उसने मेरा नंबर लिया…उसी रात को करीबन 1 बजे उसने मुझे कॉल किया…और हम कुछ देर बातें करने लगे…वो टूरेंट ही बोल दी के सोहेल मुझे तुम बहुत पसंद हो…क्या हम कल मिल सकते हैं…मैं भी खुश हो गया सोचा बाप लड़की पट गई..मैंने कहां हां जरूर… तो अगले दिन एक पार्क में मिले और ये सिलसिला शुरू हो गया… देखने में वो बहुत खूबसूरत है… मगर सेहत उसकी पतली थी… मानो वैसे कुछ था ही नहीं हमसे.. ना बड़े बड़े स्तन.. ना मोटी गांड… लेकिन देखने में अच्छी थी… ये प्यार का सिल सिला कुछ 1 साल चला और कुछ गलतफहमी के कारण से हमारा ब्रेक-अप हो गया… फिर क्या वो अपने रिश्ते और अपने में… एक ही शहर में रहते पर कभी एक दूसरे को कॉन्टैक्ट नहीं किया ना ही मिलने की कोशिश करने लगे….

इस बात को कुछ 1.5 साल गुजर गए… एक रात की बात है… शुक्रवार की रात थी और बारिश बहुत तेजी से हो रही थी… रात का कुछ 9.30 बजे हो रहा था.. मैं ऑफिस से लौट रहा था… बहुत तेज बारिश के कारण से में एक बस स्टॉप पर बाइक खड़ा कर के इंतजार करने लगा बारिश किट हम जाने की… और अपने गिले सिर को रूमाल से पूछने लगा… तभी देखा के बस्ट स्टॉप के दूसरे कौने में एक लड़की खड़ी है… सफेद रंग की पार्टी वियर साड़ी में, बुरी तरह से भीगी हुई, अपने पलू से अपने गिले बदन को पूछती हुई.. मैंने ध्यान नहीं दिया… लगता था के किसी पार्टी में गई होंगी बारिश के कारण यहां इंतजार कर रही है.. तब तक उस रास्ते में ना ऑटो, ना बस ना कोई चेहल पहल… एक दम सुनसान था बारिश के कारण… फिर कुछ देर बाद मेरी नजर उसके चेहरे पे गया तो कुछ जाना पहचान सा लगी… Sex Story Gf Bf

गौर से देखा तो वो सिखा थी… मुझे शक है कि मैं जा कर उसको पूछूंगा… माफ कीजिए मां… जब वो टर्न हुई तो सही में सिखाया था… कसम से यार एक दम बदल गई थी… एक दम स्वस्थ हो गई थी मतलब बड़े बड़े स्तन, मस्त कमर, और बड़ी बड़ी गांड… हमें सफेद साड़ी में जैसे मानो वो कोई अप्सरा लग रही थी… उसने भी मुझे पहचान ली और हम वहां कुछ देर बातें करने लगे… 1.5 साल बाद जो मिले थे… वो भी ऐसी बारिश की रात में अचानक से… कुछ देर बाद मैंने उससे कहा बारिश के कारण सारे ट्रांसपोर्ट बंद हैं… घर कैसे जाओगी??? वो कुछ देर सोची और बोली.. सोहेल अगर तुम्हें परेशानी नहीं हो तो क्या मुझे घर तक ड्रॉप कर दोगे, बारिश की रात और सुनसान रास्ता मुझे थोड़ी देर लग रही है… मैंने कहा ठीक है बारिश थम जाए तो मैं तुम्हें घर ड्रॉप कर दूंगा.. रात करीब 10.30 बजे रहा था… तभी बारिश थोड़ी रुकी तो मैंने कहा सिखाया बारिश कम है चलो अभी तुम्हें ड्रॉप कर देता हूं.. वरना पता नहीं फिर शुरू हो गई तो हम दोनों को यहीं रात गुजारनी पड़ेगी… उसने भी कहा, हां हां चलो चलें… उसका घर बस स्टॉप से कुछ आधे घंटे की दूरी पर है और मेरा घर उसके बिल्कुल विपरीत दिशा में… ये कह सकता है उसे ड्रॉप करने के बाद मुझे और 45 मिनट लगते मेरे घर तक पहुंचने में… सिखा मेरे बाइक पर बैठी और हम निकले वहां से… कुछ दूर जाने के बाद फिर बारिश शुरू हो गई… इस बार खतरनाक तारीख से गिर रही थी… डोनो एक दम से भीग गए थे… और टूटने के कारण ब्रेक पे ब्रेक मारे जा रहे थे, आहा था और उसके बड़े-बड़े गाइल स्तन मात्र बैक टच कर रहे थे… मानो जैसे करंट दौड़ जाता था मेरे अंदर एक झटके में… जैसे तैसे हम उसके घर पहुंचें… वो बाइक से बाहर के बोल सोहेल कुछ देर मेरे घर पे रुक जाओ बारिश कुछ देर में बंद हो जाएगी… बारिश बंद होने के बाद चले जाना… मैंने भी ये बात सही लगी और में उसका घर चला गया… उसका घर 1बीएचके था मतलब 1 कमरा, अटैच बाथ रूम और किचन… सब एक ही लाइन में थे… वो दरवाजा खोल के लाइट ऑन की. Latest Hindi Sex Story

और हम घर के अंदर चले गए… दोनों बुरी तरह से भीगे हुए थे… मगर जब रोशनी में रोशनी को देखा तो देख के दंग रह गया… वाह क्या लग रही थी… बस स्टॉप में अंधेर करण उसको ठीक से नहीं देखा था… मगर घर पर रोशनी के कारण सब कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा था… उसके भीगी साड़ी में भीगी बदन उफफ्फ्फ्फ़ जाने लेवा था…ब्लाउज भी बहुत पतली थी तो ब्लाउज भीगने के कारण उसके अंदर की काली ब्रा बहुत साफ दिख रही थी…कसम से वो एक दम माल हो चुकी थी इतने सालो के अंदर…उसका फिगर जैसा 38-28-36 थी.. में कुछ देर उसको ही देख रहा है… बारिश के पानी उसके गले से तपाक कर के उसके स्तन से गुजरे हुए उसके अभी तक नहीं पहुंच रही थी… उफ्फ्फ क्या लग रही थी… और वो अपने पलू से अपने स्तन कू दबा दबा के युग रह रही थी… फिर अचानक वो मुझे देखी और बोली क्या देख रहे हो??? मैंने कहा कुछ नहीं… वो बोली ठीक है तुम यहां बैठो में साड़ी चेंज करके आती हूं… मैंने भी कहा ठीक है… मैं जहां बैठा था वहां से उसका बाथरूम अच्छे से दिख रहा था.. फिर वो कुछ कपड़े और एक तौलिया ले कर बाथरूम के अंदर गई.. बाथ रूम का दरवाजा बंद हो गया.. तो ठीक से बंद न होने की करण दूर थोड़ी सी खुली थी… उसको ये बात पता नहीं चला के में उसको दर्द से देख सकता था… फिर वो धीरे-धीरे अपने सारे भीगे हुए कपड़े अपने बदन से अलग कर दी.

वो मेरी तरफ अपनी बड़े गांड कर के खड़ी थी… वाह क्या गांड थी और बारिश की पानी सरकते हुए उसकी गांड की छेद में घुस रही थी…. और वो तौलिये से अपने बदन को पूछ रही थी, कभी गांड को, कभी अपने स्तनों को पूछ रही थी…. ये सब देख के मेरा तो कसम से 8′ का लंड खड़ा हो कर मज़ा आ रहा था… फिर उसने अपना गिला बदन को अच्छे से पूछा और एक नीले रंग की सिल्की नाइटी पेहनी… सिर्फ नाइटी पेहनी… ना ब्रा ना पैंटी कुछ भी नहीं था… और नाइटी भी बस उसके जांघों तक ही पहुंच रही थी.. और उसकी नाइटी के शानदार बड़े होने के कारण उसकी दोनों बड़े बड़े स्तन के बीच का छेद आसान से दिख रही थी… और ठंड के कारण उसके निपल बहुत ही मजबूत हो गए थे जो नाइटी के बाहर से साफ़ दिखाई दे रहे थे।

वो बाथरूम से बाहर आई और बोली… ओह सॉरी मैंने तो तुम्हें कुछ दिया ही नहीं चेंज करने के लिए… ये एक तौलिया लो और चेंज कर लो… तब तक में तुम्हारे कपड़े सुखा देती हूं… जब तक बारिश रुकेगी तब तक ये ऐसे जाएंगे… मैंने भी वैसे ही किया… ड्रेस चेंज कर के उसको मेरे भीगे कपडे दे दिया और में एसआरएफ तौलिया में बैठा रहा… वो मेरे कपडे मेरे सामने एक तार पर सुखा रही थी… तार ऊंची होने के कारण उसकी हाथ नहीं पहन रही थी… और वो उछल उछल के सूखने की कोसिस कर रही थी… जितनी बार वो कूदती उसके स्तन भी उसके साथ जंप करते और नाइटी छोटी होने के वाजे से नाइटी ऊपर जा रही थी और उसकी गोरी कोमल गांड भी दिख जाती… फिर जैसे तैसे उसने कपड़े सुखाई और मुझे चाय के लिए पूछी… मैंने कहा हां चाय चाहिए ठंड से बदन अकद रही है… वो हंसी और किचन में चली गई चाय बनाना.. उसके बेडरूम और किचन में एक लाइन ही थी… और मैं बिस्तर पर बैठ के उसको दर्द से देख भी सकता था… वो किचन में जा कर चाय की बार्टन ढूंढने के लिए झुकी और उसकी गांडू और चूत बहुत क्लियर दिखने लगे… जैसे मानो गुलाब के दो पंखुड़ियां थी उसकी चूत और गांड की छेद भी बहुत साफ दिख रहे थे… छोटी और गुलाबी रंग की छेद… मन कर रहा था अभी मेरे 8′ का लंड ले कर जाउ और उसके छोटे छेद वाली गांड में घुसा दो… और इतना चोदू के उसका गांड मोटी के खून ना निकल जाएगा… पर मैंने अपने आप को कंट्रोल किया… सिखा चाय बना के लाई और मेरे बगल में बैठी… और हम चाय पीते पुरानी बातें याद करने लगे… बातों बातों में पता नहीं कब 12 बजे गए और बारिश है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था… और तेजी से हो रही थी और बादल भी बहुत खतरनाक गरज राही थी.

सिखा बोली सोहेल आज रात यहीं रुक जाओ… मुझे नहीं लगती बारिश रुकने वाला है… तुम बिस्तर पर सो जाना में नीचे जमीन पे सो जाऊंगी… मैंने कहा कोई नहीं तुम बिस्तर पर सो जाओ जमीन पर सो जाता है और हमने ऐसा ही किया… मेरे लिए वो जमीन पर बिस्तर लगा दी और वो बिस्तर पे सो गई… शुद्ध कमरे पर अँधेरा था मगर एक बेड लाइट के कारण चाँदी रात की रोशनी की तरह उस कमरे में भी उजाला था… मैंने सिखाया को अच्छे से देख पा रहा था…. मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी। एक तो बारिश किट हाथ और दिमाग में सिखाया कि नंगी बदन की सोच मुझे सोने नहीं दे रही थी… और में उठ के बतिह गया… तभी सिखाया उठी और लाइट जला के पूछी नींद नहीं आती है ना ठंड के करण??? मैं सर हिलाते हुए हां कहा… वो बोली एक काम करते हैं मेरे पास एक ही कंबल है तुम बिस्तर पर आजाओ हम एक कंबल में एडजस्ट कर लेंगे… मैंने कहा नहीं ठीक है… उसने कहा ज्यादा हीरो मत बनो वरना सुबह तक तुम्हारी कुल्फी जाम जाएगी… मैंने भी सोचा ये बात तो सच है… बहुत अच्छी बात है से बचने के लिए यही सही तरीका है… और मैं मान गया… उसकी सिंगल बेड थी और सिंगल बेड पे हम दोनों को ठीक से जगह भी नहीं हो रही थी… मैं सीधा सोया रहा और वो मेरे तरफ गांड करके… बिच बिच में उसके गांड मेरे जांघों पे लगती तो मेरे बदन में एक करंट सा चल जाता था… कुछ देर ऐसे ही चलता रहा… मुझसे और बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने अपना तौलिया खोल दिया और अपने लंड को सहलाता रहा… कुछ देर सहलाने के बाद में उसकी तरफ मुड़ एक सोने लगा… मतलब मेरा लंड और उसके गांड के बीच में बस उसकी गांड की छेद की फसल थी… धीरे धीरे में उसके गांड में अपना लंड रगड़ ने लगा… एक दम धीरे धीरे… बहुत मजा आया था ऐसे करते हुए… और वो कुछ विरोध भी नहीं कर रही थी… फिर मैंने अपने हाथ से उसकी नाइटी उसके गांड से अलग कर दिया और उसकी मस्त कोमल गांड को सहलाता रहा… मानो मेरे अंदर धीरे धीरे गर्मी बढ़ाने लगी थी… वो भी बीच बीच में अपनी गांड के झटके दे रही थी जिसका कारण मेरा लंड उसके छेद को टच कर रहा था… धीरे धीरे में अपना हाथ उसकी नाइटी के अंदर डालने लगा… और उसके नाभि के साथ खेलने लगा… और साइड बाय साइड मेरे लंड ko uske chhed se ragadne laga…. कुछ देर बाद में उसके स्तनों को छूने लगा… कहा उत्तेजना के कारण उसके निपल टाइट हो गए थे… धीरे धीरे में उसके स्तन दबाने लगा… क्या मुलायम स्तन थे यार… मुझे पता भी नहीं था के सिखा इतना माल डर बन जाएगा… मन में एक ही ख्वाहिश थी के आज इसको जी भर के छोड़ना है. Antarvasna Hindi

फिर अचानक एक आवाज़ आई “कुछ करने का मन हो रहा है क्या?” मैं चौंक गया और अपना हाथ उसकी नाइटी के अंदर से बाहर निकल दिया…. वो धीरे से मेरा हाथ पकड़ी और दोबारा नाइटी के अंदर ले कर अपने स्तन पे रख दी… ये सब देख के मुझे लगा जैसे जन्नत मिल गई मुझे…. उसके बाद वो धीरे धीरे मेरा लंड को पकड़ के सहलने लगी… और बोली सोहेल तुम ही पहले लड़के थे जिसके साथ मेरे रिलेशन में थी और तुम ही एक लड़के हो जिसके साथ मैंने सेक्स किया था… मैंने बताया दो हमने पहले भी एक दो बार सिर्फ सेक्स किया है… मैंने भी उसके बातों में बहना लगा और ज़ोर ज़ोर से उसके स्तनों को दबाने लगा और बोल्टा रहा सिखा तुम्हारे स्तन बहुत बड़े और रसीले हो गए हैं… उसने सच में जवाब दिया??? क्या यह तुम्हे पसंद है??? मैंने कहा हम्म्म… उसने कहा तो और ज़ोर से दबाओ… प्लीज़ दबाओ ना सोहेल… मुझे भी दर्द लग रहा है… मेरे स्तनों को चूसोगे??? मैंने कहा हां… तो वो बोली तो चूसो इसको… आज ये तुम्हारे है… कृपया चूसो इसको… जोर जोर से चूसना… और मुझे लगा उसके स्तनों को मसलें और चूसें… मानो जैसे अमृत पी रहा हूं… उत्तेजना में मेरा लंड और भी मजबूत होने लगे… और मेरे लंड पकड़ के वो सहलती रही और बोली सोहेल तुम्हारा लंड बहुत ही बड़ा और मजे में डर हो गया है कुछ सालों में… बोलो कितनों को चोदा है??? मैंने कहा लास्ट तुम्हें ही चोदा था और तुम्हें चोदना चाहता हूँ…वो ख़ुश हो कर बोली तो किस बात का इंतज़ार कर रहे हो??? छोड़ो मुझे… ये डेढ़ साल की भूख आज मुझे छोड़ के मिला दो और मेरी प्यास भी बुझा दो… ये बोल के वो अलग खिसक गई और मेरा लंड अपने मुँह में ले के चूसने लगी और साथ में सेक्सी सिसकियाँ भरने लगी… और बोलने लगी तुम्हारा लंड बहुत टेस्टी हो गया है… आज मुझे ये बहुत दर्द देगा… ये बोलके चुस्ती रही कुछ देर… उसके बाद वो खड़ी हो गई और अपनी नाइटी झट से निकल के फेक दी और सीधे मेरे मुंह में आकर बैठ गई और अपनी चूत मेरे मुंह में रगड़ने लगी… ये सब मुझे बहुत हाय अच्छा लग रहा था… कुछ देर में वो मेरे मुँह में ही झड़ गई और मेरे बगल में लेट गई… उसके बाद मेरी बारी थी…. मैं धीरे-धीरे उसकी गिली चूत को और सहलाने लगा वो है कि पागल सी हो रही थी और मुझे अपने नखुन से खरोचने लगी… फिर में उसके ऊपर अगला और अपने लंड को उसकी चूत पर रख के आहिस्ता आहिस्ता रगड़ने लगा… वो मुझे बोलती रही सोहेल और मुझे मत तड़पाओ बस अभी डाल दो तुम्हारा मोटा लंड मेरी चूत में… अब और नहीं जा सकता.. प्लीज सोहेल जल्दी से चोदो मुझे… आज चोद चोद के मेरी चूत फाड़ करना… धीरे से उसकी चूत में अपना लंड घुसाया पर चूत टाइट होने के कारण घुस नहीं रहा था…. 3 झटके लगाने पड़े पड़े पूरा लंड अंदर घुसाने में… और हर एक झटके पे वो चीख उठती थी… मगर में रुका नहीं बारा बार मेरा लंड अंदर बाहर करता रहा… कुछ देर में वो भी अपनी गांड उछाल उछाल के मेरी साथ देने लगी और छिलने भी लगी… उउउह्ह्ह्ह… आआह्ह्ह्ह… यीस्स्स्स… कम ऑन …. फ़क मी…. मैं और भी जोश में आ गया और और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा… कुछ देर बाद हम अपनी पोजीशन बदल लेंगे… अब उसकी गांड की बारी थी… क्या मस्त बड़ी गांड…. जितनी मोटी गांड उतनी ही छोटी छेद… और छोटे छेद में चोदने में मजा ही कुछ अलग है… उसको दर्द तो बहुत हो रहा था मगर सेक्स की कामना उसके दिल और दिमाग में ऐसा था के वो सारे दर्द भूल गई थी…. इस बिच वोह 2 बार झड़ चुकी थी…. ये चोदने का सिलसिला कुछ आधे घंटे तक चला और मैं अब झड़ने वाला था… मैंने कहा सिखाया में झड़ने वाला हूं… तो वो बोली रुको… अभी मेरे चूत को चोदो… मैंने वैसा ही किया और कुछ 10 मिनट के बाद में उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया गया…वो बोलने लगी इस ठंडी रात में मेरे चूत के अंदर ये गरम वीरियाँ मुझे एक सुकून दे रही है… और हम दोनों एक दूसरे को पकड़ के सो गए।

उस रात में सिखाया को करीब 4 बार चोदा… सुबह 9 बजे मेरी आंखे खुली बहार देखा तो आसमान साफ था… तब सिखाया बाथरूम में से बाहर निकली और पूछी उठ गई?? मैंने कहा हां.. अभी मुझे चलना चाहिए… वो झट से मुझे अपनी बाहों में ले गई और चूमने लगी… चूमते चूमते बोली कुछ देर और रुक जाओ… ऐसे कह के फिर से मेरे लंड से खेलने लगी और मेरा लंड फिर से तैयार हो गया उसे छोड़ने को… फिर आधे घंटे की गेम सुरू… फिर में अपने कपड़े पहनने और उसे अलविदा बोलके चला आया… बिना उसके नंबर के लिए… उसके बाद आज तक और कभी नहीं मिले… हसीन रात थी वो… भूले से भी नहीं भूलता।

By delhi37

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